Thursday, November 19, 2015

सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम् (Shiva Tandav Stotram)

 श्रीगणेशाय नमः

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् |
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||१||

With his neck, consecrated by the flow of water flowing from the thick forest-like locks of hair, and on the neck, where the lofty snake is hanging like a garland, and the Damaru drum making the sound of Damat Damat Damat Damat, Lord Shiva did the auspicious dance of Tandava and may He shower prosperity on us all.

परम पुज्य् शिव जी की सघन जटारूप वन से गंगा माता का उद्गम होता है | उनके गले में बड़ॆ एवं लम्बे सर्पों की मालाएं लटक रहीं हैं | जो शिव जी डम-डम डमरू बजा कर प्रचण्ड ताण्डव करते हैं, वे शिवजी हमारा कल्यान करें |

Saturday, November 14, 2015

सोमवार की कथा (Somvar Ki Katha)

बहुत समय पहले एक नगर में एक धनाढ्य व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर में उस व्यापारी का सभी लोग मान-सम्मान करते थे। इतना सब कुछ होने पर भी वह व्यापारी अंतर्मन से बहुत दुखी था क्योंकि उस व्यापारी का कोई पुत्र नहीं था। दिन-रात उसे एक ही चिंता सताती रहती थी। उसकी मृत्यु के बाद उसके इतने बडे़ व्यापार और धन-संपत्ति को कौन संभालेगा!

Monday, November 10, 2014

हरद्य घात - देसी नुस्खे

भगवान न करे कि आपको कभी जिंदगी मे heart attack आए !

आपको मालूम ही है एक angioplasty आपरेशन आपका होता है ! angioplasty आपरेशन मे डाक्टर दिल की नली मे एक spring डालते हैं ! उसको stent कहते हैं !


आप इसका आयुर्वेदिक इलाज करे बहुत बहुत ही सरल है ! पहले आप एक बात जान ली जिये ! angioplasty आपरेशन कभी किसी का सफल नहीं होता !!  दूसरा attack आता है ! फिर  angioplasty आपरेशन करवाओ ! और आपकी ज़िंदगी इसी मे निकाल जाती है ! ! !

अब पढ़िये इसका आयुर्वेदिक इलाज !!

Wednesday, December 25, 2013

बीमारी से छुटकारा पाने के लिए (to get rid of illness :) रोगानशेषानपहंसि ( Rogansheshanpahansi)

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।  त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

Rogansheshanpahansi Tushta Rusta Tu Kaman Saklanbhishtan ।  Tvamashritanam Na Vipannrananam Tvamashrita Hyashraytam Prayanti ॥

देवि! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवाञ्छित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो ।  जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके हैं, उन पर विपत्ति तो आती ही नहीं। तुम्हारी शरण में गये हुए मनुष्य दूसरों को शरण देनेवाले हो जाते हैं ॥

O feminine Power! When you are happy with me, you destroy all my diseases and when you get irritated you destroy all my desires to prosper ।  People who have been in your refuge, the disaster would not have them. One, who is under your guidance and shelter, is able to save others too ॥

Monday, December 16, 2013

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) : देसी नुस्खे (HOME REMEDIES)



    1. नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए यह बात  सबसे महत्‍वपूर्ण है कि हाई बी पी वालों को नमक का प्रयोग कम कर देना  चाहिए।


      Salt is a major factor in raising blood pressure. Therefore it is most important that those with high BP should reduce salt use.




    1. प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी उच्च रक्तचाप में काफी फायदेमंद होता है।
      Like onions & garlic ; ginger is extremely beneficial in hypertension / High Blood Pressure .

    2. तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। Take Fenugreek seeds (3 grams) : 2 times a day with water.

    3. एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर( सुबह-शाम ) a big teaspoon of amla juice and honey in equal amount : twice a day

    4. जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही करने का बढिया उपचार है।
      If the blood pressure is high , mix half a teaspoon of pepper powder, in a glass of moderately hot water ( take it every 2-2 hours)

    5. तरबूज के बीज की गिरि तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। एक चम्मच मात्रा में प्रतिदिन खाली पेट पानी के साथ लें।
      watermelon seeds powder (without cover) and dry powder of watermalon red portion inside : mixed in equal amounts . Take a teaspoon amount daily when empty stomach with water.

    6. आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें।
      Squeeze half a lemon in half a glass of water . Drink every hours .

    7. पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं।
      Holy Basil [ 5 leaves ] with Neem (Azadirachta indica) [two leaves] mixed in 20 grams of water : take everyday in the morning - empty stomach .

    8. पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।
      papaya fruit when empty stomach is good for high blood pressure .

    9. नंगे पैर हरी घास पर प्रतिदिन 10-15 मिनट चलें।
      Daily 10-15 minute walk barefoot on green grass.

    10. सौंफ़, जीरा, शक्‍कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।
      Mix Fennel, cumin, powdered raw brown sugar in equal amounts . Take a teaspoon of this mixture twice a day.

    11. पालक और गाजर का रस मिलाकर एक गिलास रस सुबह-शाम पीयें, लाभ होगा।
      Spinach and carrot is good for high blood pressure

    12. करेला और सहजन की फ़ली उच्च रक्त चाप-रोगी के लिये परम हितकारी हैं।
      Bitter gourd and drumstick are good for high blood pressure

    13. गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें।
      Wheat and gram flour bread ( with bran ) are good for high blood pressure

    14. ब्राउन चावल उपयोग में लाए। Prefer to use brown rice

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Sunday, July 14, 2013

महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

oṁ tryambakaṁ yajāmahe sugandhiṁ puṣṭi-vardhanam ǀurvārukam-iva bandhanān mṛtyormukṣīya māmṛtāt ǁ

 

हम त्रि-नेत्रीय वास्तविकता का चिंतन करते हैं जो जीवन की मधुर परिपूर्णता को पोषित करता है और वृद्धि करता है. ककड़ी की तरह हम इसके तने से अलग ("मुक्त") हों, अमरत्व से नहीं बल्कि मृत्यु से हों.

 

OM We worship Shiva, the Three-eyed Lord who is fragrant and who nourishes and nurtures all beings. As is the ripened cucumber (with the intervention of the gardener) freed from its bondage (to the creeper) May He liberate us from death for the sake of immortality. OM

 

 

स्रोत : en.wikipedia.org


















Significance

Mahamrityunjaya Mantra is the great mantra for conquering death for it protects against all threats and at the time of death eases the process of release. It is one of the more potent of the ancient mantras, a call for enlightenment and a practice of purifying the karmas of the soul at a deep level. It is beneficial for mental, emotional and physical health. It is also a moksha mantra which bestows longevity and immortality.
According to some puranas, the Mahamrityunjaya Mantra has been used by many Rishis as well as Sati during the time when Chandra suffered from the curse of Prajapati Daksha. By reciting this mantra, the effect of the curse of Daksha, that could make him die, slowed, and Shiva then took Chandra and placed it upon his head.
This mantra is addressed to Lord Shiva for warding off untimely death. It is also chanted while smearing Vibhuti over various parts of the Body and utilised in Japa or Homa (havan) to get desired results. While its energy protects and guides the intiates a mantra re-links consciousness to its deeper and more abiding nature and repetition of the mantra constitutes Japa, the practice of which develops concentration that leads to a transformation of awareness. Whereas the Gayatri Mantra is meant for purification and spiritual guidance, the Mahamrityunjaya Mantra is meant for healing rejuvenation and nurturance.